समुद्रमंथनसे कामधेनु-रूप पाँच गौमाताएँ प्रकट हुईं जिन्हें महर्षियोंने सेवाव्रतसे स्वीकार किया --
नंदा -- जमदग्नि
सुभद्रा --भारद्वाज
सुरभि - वशिष्ठ
सुशीला -असित
बहुला -गौतम
तिलम् न धान्यं पशुवः न गावः -- तिलको धान्यमें और गायको पशुओंमें नही गिनते, उनका स्थान अधिक ऊँचा है।
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